पूर्वाभास (www.poorvabhas.in) पर आपका हार्दिक स्वागत है। 11 अक्टूबर 2010 को वरद चतुर्थी/ ललित पंचमी की पावन तिथि पर साहित्य, कला एवं संस्कृति की पत्रिका— पूर्वाभास की यात्रा इंटरनेट पर प्रारम्भ हुई थी। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। इस हेतु सुधी पाठकों और साथी रचनाकारों का ह्रदय से आभार।

शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

मेरे प्रिय रचनाकार दिनेश सिंह — अवनीश सिंह चौहान

Comments
अवनीश सिंह चौहान जी नमस्कार ! आपका ब्लॉगजगत में स्वागत है । छंद में सृजन का आपका प्रयास वरेण्य है दर्द के हम भगीरथ सुंदर गीत रचना है … और श्रेष्ठ रचाव के लिए मंगलकामना है - राजेन्द्र स्वर्णकार
MUFLIS ने कहा…
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है गीतावली बहुत मोहक बन पडी है भावों और शब्दों का सुमेल ह्रदय की गहराई तक उतरता है बधाई .
vedvyathit ने कहा…
rchnayen sundr hain bdhai anytha n len nai peedhi itni bhi buri nhi hai us pr bhi vishvash krna pdega vh vishvshneey hai bhi vh to vhi kuchh le rhi hai jo use aglon se mil rha hai hr yug me hr trh ke log rhe hain aage bhi rhenge pr vishvash jroori hai
बेनामी ने कहा…
ekatrit kar shabdon ko diya ek aakar itna hee chaahonga kahna kiya aapne upkar Ajeet, TMU
बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा…
प्रिय भाई, पूर्वाभास को देखा| अच्छी तरह देखा| बहुत पसंद आया| आपने इस तरह दिनेश जी के नवगीतकार को नया रूप ,नया आयाम दिया| उनके गीतों को विश्व-पटल पर रखने के लिए नवगीतकारों को आपके प्रति आभारी होना चाहिए| आपकी यह नेट-यात्रा सफल और सार्थक हो| नवरात्र पर मेरी शुभ कामनाएँ| 
सप्रेम आपका, 
बुद्धिनाथ मिश्र, देहरादून

5 टिप्‍पणियां:

  1. vaah...vaah....sundar blog. swagatam.....jane-mane navgeetkar dinesh ji ki rachanaye parh kar aanand aa gaya.

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  2. दिनेश सिंह के गीतों में भावों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .बधाई अवनीश चौहान को धन्यवाद .

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  3. मन को मोह रही है नव गीत श्रंखला ... बहुत ही उम्दा बन पड़े है सब गीत ... ताज़ा हवा के झोंके समान ... पूर्वाभास बहुत पसंद आया ...

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  4. प्रिय भाई अवनीश सिंह चौहान जी,

    अभी-अभी फेसबुक का पेज खोला| उसमें भाई दिनेश सिंह पर आपकी १७ सितंबर की ही टिप्पणी पढने को मिली| 'नये पुराने' के द्वारा पिछली सदी के अंतिम वर्षों में जो नवगीत -चर्चा का इतिहास रचा गया था, उसका मैं भी साक्षी रहा हूँ| आभारी हूँ आपने दिनेश सिंह जी से उस पूर्व-परिचय की यादों को एक बार फिर से जाग्रत कर दिया|

    आपका
    कुमार रवीन्द्र
    @ Facebook
    Sep 23, 2011

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