शाल ओढ़े शचीन्द्रजी तथा अन्य साहित्यकारगण |
मुरादाबाद। १६ जनवरी २०११ । अमृत महोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान में पीएमएस स्कूल में सम्मान समारोह आयोजित किया गया । इसमें आयु के 75 वर्ष पूर्ण करने वाले साहित्यकार शचींद्र भटनागर को सम्मानित किया गया। डा. प्रेमवती उपाध्याय द्वारा सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम आरंभ हुआ। तत्पश्चात मुख्य अतिथि बरेली कालेज बरेली के प्राचार्य डा. आरपी सिंह और अध्यक्षता कर रहे माहेश्वर तिवारी, डा. गिरिराज शरण अग्रवाल, योगेंद्र नाथ शर्मा और प्रोफेसर ओमराज आदि साहित्यकारों ने शचींद्र भटनागर की रचनाधर्मिता पर केन्द्रित ग्रंथ उत्तरोत्तर तथा इनकी गजलों की सीडी एक रंग और का लोकार्पण किया गया।
शचींद्र भटनागर अमृत महोत्सव में साहित्य की सभी विधाओं पर चर्चा की गई। इस दौरान माहेश्र्वर तिवारी (मुरादाबाद) , डॉ. आर पी शर्मा (बरेली) , डा.गिरिराज शरण अग्रवाल (बिजनोर) , डा. योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण (रुड़की), प्रो. ओमराज (काशीपुर), आनंद कुमार 'गौरव' आदि ख्यातिलब्ध साहित्यकारों ने विचार रखे। इस मौके पर कहा गया कि उनके गीत, दोहे, गजलें समग्र रचना कर्म हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं तहत उनके गीतों की यात्रा किसी विशेष कालखंड की ना होकर गीत की अनवरत यात्रा की पर्याय है, भाषा एवं शिल्प दोनों स्तर पर , साथ ही वस्तु के स्तर पर भी; इनमें सोंधी गंध में डूबी मिट्टी और रेतीलापन दोनों है; उनके गीतों की यात्रा परम्परावादी गीत से समकालीन गीत तक की है।
गायत्री परिवार ने श्री भटनागर को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह और पत्र सौंपकर उनका अभिनंदन किया। बाल सुंदरी तिवारी, विनय निगम, अरुण शंखधार, मृदुला निगम ने इनकी गजलों की प्रस्तुति भी की गई। इस अवसर पर सम्मानित व्यक्तित्व शचीन्द्र भटनागरजी का एकल काव्यपाठ भी हुआ। बाल सुंदरी तिवारी, ब्रजभूषण सिंह गौतम अनुराग, कृष्णकांता भटनागर, कृष्ण कुमार नाज, अंबरीश गर्ग, जगराज सिंह विश्नोई, रामदत्त द्विवेदी, गोविंद मुरारी, हरीश वर्मा, संतोष नारंग, लवलेश चंद्र , दीपक त्यागी, देव दत्त नारंग आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे। संयोजन किया योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' , अवनीश सिंह चौहान व विवेक निर्मल ने और संचालन एवं आभार व्यक्त किया आनंद कुमार गौरव ने ।
Sacheendra Bhatnagar: Amrit Mahotsav. Uttarottar ka Vimochan
शचींद्र भटनागर अमृत महोत्सव में साहित्य की सभी विधाओं पर चर्चा की गई। इस दौरान माहेश्र्वर तिवारी (मुरादाबाद) , डॉ. आर पी शर्मा (बरेली) , डा.गिरिराज शरण अग्रवाल (बिजनोर) , डा. योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण (रुड़की), प्रो. ओमराज (काशीपुर), आनंद कुमार 'गौरव' आदि ख्यातिलब्ध साहित्यकारों ने विचार रखे। इस मौके पर कहा गया कि उनके गीत, दोहे, गजलें समग्र रचना कर्म हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं तहत उनके गीतों की यात्रा किसी विशेष कालखंड की ना होकर गीत की अनवरत यात्रा की पर्याय है, भाषा एवं शिल्प दोनों स्तर पर , साथ ही वस्तु के स्तर पर भी; इनमें सोंधी गंध में डूबी मिट्टी और रेतीलापन दोनों है; उनके गीतों की यात्रा परम्परावादी गीत से समकालीन गीत तक की है।
गायत्री परिवार ने श्री भटनागर को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह और पत्र सौंपकर उनका अभिनंदन किया। बाल सुंदरी तिवारी, विनय निगम, अरुण शंखधार, मृदुला निगम ने इनकी गजलों की प्रस्तुति भी की गई। इस अवसर पर सम्मानित व्यक्तित्व शचीन्द्र भटनागरजी का एकल काव्यपाठ भी हुआ। बाल सुंदरी तिवारी, ब्रजभूषण सिंह गौतम अनुराग, कृष्णकांता भटनागर, कृष्ण कुमार नाज, अंबरीश गर्ग, जगराज सिंह विश्नोई, रामदत्त द्विवेदी, गोविंद मुरारी, हरीश वर्मा, संतोष नारंग, लवलेश चंद्र , दीपक त्यागी, देव दत्त नारंग आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे। संयोजन किया योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' , अवनीश सिंह चौहान व विवेक निर्मल ने और संचालन एवं आभार व्यक्त किया आनंद कुमार गौरव ने ।
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