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सोमवार, 30 मई 2011

आरोही कला संस्थान की ओर से साहित्यिक और सांस्कृतिक संध्या


मुरादाबाद : 29 मई: आरोही कला संस्थान की ओर से स्वर्गीय सुमन लाल की पुण्य तिथि पर साहित्यिक और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। एमआईटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि अपर जिला जज प्रथम अशोक रस्तोगी ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर की।

इस दौरान काव्य रसधारा के बीच मशहूर गीतकार डा. कुंअर बेचैन ने अपनी बात कुछ इस तरह कही- "किसी भी काम को करने की चाहें पहले आती हैं/ अगर बच्चे को गोदी लो तो बाहें पहले आती हैं।" डा.गिरिराज शरण अग्रवाल ने "समय आते ही फिर से द्वार पर दस्तक लगता है/ गुजर जाने पे भी फूलों का मौसम लौट आता है" का पाठ किया। इसी तरह डा.कमलेश रानी ने "पश्चिम की सभ्यता ऐसे बौरा गई/ तुलसी के बिरवे में नागफनी आ गई" का पाठ किया। अरुण सागर ने "कोई अपना ही जब इज्जत सरे महफिल उछालेगा/ तो इन आंखों के आंसू कौन आकर संभालेगा" का पाठ कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

इस मौके पर सरिता लाल द्वारा संपादित आकाश तीन बिंदुओं का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य हेतु प्रेस फोटोग्राफर ओपी रोडा, सुहेल खां और अनिल भटनागर को सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर रोटरी गवर्नर जीएल साहनी, सौरभ गुप्ता, यशपाल गुप्ता, सुधीर गुप्ता, ललित मोहन गुप्ता, डा.शचींद्र भटनागर, डा.यूके शाह, डा.मनोज अरोरा, दीपक बाबू, अजीत अग्रवाल, अनीता गुप्ता, प्रीति खन्ना, डा.एचके खन्ना, डा.एचके खन्ना, दिनेश कुमार मेहरोत्रा, नीलू खन्ना, प्रमोद अग्रवाल, अलका अरोड़ा, सरिता लाल, गौरव लाल, कृष्ण कुमार 'नाज़' और गीत-पहल के सम्पादक- आनंद कुमार गौरव, योगेंद्र वर्मा व्योम, अवनीश सिंह चौहान आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता की डा.गिरिराज शरण अग्रवाल ने, विशिष्ट अतिथि रहे माहेश्र्वर तिवारी एवं संचालन डा.राकेश अग्रवाल ने किया। राकेश खन्ना और डा.जगदीप कुमार ने आभार व्यक्त किया।

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