जयपुर। सोमवार। 07 जनवरी को जयपुर के भट्टारकजी की नसियां स्थित इन्द्रलोक सभागार में पं. झाबरमल्ल शर्मा स्मृति व्याख्यान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। आयोजन का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष जनरल वी.के. सिंह जी और गुलाब कोठारी जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह रहे जबकि पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
तत्पश्चात जनरल वी के सिंह जी और गुलाब कोठारी जी के कर-कमलों से अवनीश सिंह चौहान को सम्मानित किया गया। पत्रिका का वार्षिक 'सृजनात्मक साहित्य सम्मान-2013 के अंतर्गत श्री चौहान को 11000 रू. नकद, सम्मान पत्र और श्रीफल प्रदान किया गया। राजस्थान पत्रिका की ओर से हर साल दिए जाने वाले सृजनात्मक साहित्य पुरस्कारों की घोषणा पहले ही कर दी गई थी। कविता में पहला पुरस्कार युवा कवि अवनीश सिंह चौहान के गीतों को दिया गया। इटावा में जन्मे अवनीश सिंह चौहान युवा कवियों में अपना अहम स्थान रखते हैं। हमलोग परिशिष्ट में प्रकाशित उनके तीन गीत- 'किसको कौन उबारे', 'क्या कहे सुलेखा' तथा 'चिंताओं का बोझ- ज़िन्दगी' आम आदमी के संघर्ष और रोजी-रोटी के लिए उसके प्रयासों को रेखांकित करते हैं और भी कई अनकही पीड़ाओं को बयां करते हैं उनके गीत। अब अवनीश के ये गीत उनके सधः प्रकाशित संग्रह 'टुकड़ा कागज़ का' में संकलित हैं।
इस अवसर पर अपने वक्तव्य में जनरल सिंह ने कहा- "दिनकर जी की रचनाएँ आज भी उन्हें प्रेरणा देतीं हैं। कविताओं में जीवन को सुन्दर बनाने की शक्ति होती है।" कोठारी जी ने कहा- "आज लोग संवेदनहीन हो गए हैं उनमें सम्वेदना जगाने की जरूरत है।"
उल्लेखनीय है कि इस साल कविता में दूसरा पुरस्कार प्रीता भार्गव को दिया गया। कहानी में पहला पुरस्कार राहुल प्रकाश को तथा दूसरा पुरस्कार कथाकार मालचंद तिवाड़ी को दिया गया। कविता में दूसरे स्थान पर पुरस्कृत अजमेर की प्रीता भार्गव राजस्थान की पहली महिला जेल अधिकारी हैं। उनकी हमलोग में प्रकाशित पुरस्कृत कविता "सब कुछ साथ हो जाता है" अनूठी प्रेम कविता है जिसमें चर अचर जगत के साकार और निराकार सम्बंधों की गहराई और व्यापकता को बहुत ही सफलता के साथ उकेरा गया है। राहुल प्रकाश जोधपुर कमिश्नरेट (पूर्व) में पुलिस उपायुक्त पद पर कार्यरत हैं। उनकी कहानियों का विषय अपने पेशे के इर्द-गिर्द घूमता नजर आता है। उनकी हमतुम परिशिष्ट में प्रकाशित पुरस्कृत कहानी "हत्या" में संबंधों में निहित उस लाचारी को उजागर करने का प्रयास किया गया है जो किसी को खुशी न दे पाने की असमर्थता से विकसित होती है। कहानी में दूसरा पुरस्कार प्राप्त करने वाले बीकानेर के कथाकार मालचंद तिवाड़ी के हिंदी और राजस्थानी में करीब एक दर्जन कहानी संग्रह और उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी पुरस्कृत कहानी "रौनक" अपने विशिष्ट शिल्प के साथ ही एक आम आदमी के किरदार को बेहतर अंदाज में प्रस्तुत करती है।
पत्रिका समूह के परशिष्टों में प्रकाशित होने वाली कहानियों और कविताओं में प्रथम और द्वितीय का चयन करके दोनों विधा के रचनाकारों को प्रतिवर्ष सम्मानित कर क्रमशः ग्यारह हजार और पांच हजार रूपए की राशि भी भेंट की जाती है। इस साल कहानी और कविता के निर्णायक मंडल में मशहूर व्यंग्यकार ज्ञान चतुर्वेदी, प्रसिद्ध कथाकार हबीब कैफी और प्रफुल्ल प्रभाकर तथा जस्टिस शिवकुमार शर्मा, अजहर हाशमी और प्रोफेसर माधव हाड़ा थे। पत्रिका समूह की ओर से दिए जाने वाले सृजनात्मक साहित्य पुरस्कारों के क्रम में यह सत्रहवें पुरस्कार हैं। ये पुरस्कार 1996 से शुरू किये गये थे।
इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले राजस्थान पत्रिका के पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया था। कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। विशेष सहयोग रहा आनंद जोशी, चाँद मोहम्मद, डॉ दुष्यंत, शालिनीजी एवं वर्षाजी का रहा और आभार अभिव्यक्ति सुकुमार वर्मा ने की।
Abnish Singh Chauhan Aur Rahul Prakash Ko Srijanatmak Sahity Samman...
अविनाश जी ओर राहुल जी को बधाई ...
जवाब देंहटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति सोमवार के चर्चा मंच पर ।। मंगल मंगल मकरसंक्रांति ।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंमकर संक्रान्ति के अवसर पर
उत्तरायणी की बहुत-बहुत बधाई!
बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
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