भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के कम्प्यूटर विभाग में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्य करने के पश्चात हरिहर झा 1990 से मेलबर्न के मौसम विभाग में वरिष्ठ सूचना–तकनीकी अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे हैं। उदयपुर विश्वविद्यालय से विज्ञान में एमएस सी की डिग्री पाई। सरिता में लेख व वेब-दुनिया, साहित्य-कुंज, अनुभूति, काव्यालय , हिन्दीनेस्ट, कृत्या़ (हिन्दी व अँगरेजी), काव्यालय आदि में कवितायें प्रकाशित हुई । आपकी अँगरेजी कविताओं पर बोलोजी द्वारा सम्मान और ’इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ पोयट्स’ ( लास वेगास) तथा ’इंटरनेशनल लाइब्रेरी इन पोयट्री’ द्वारा एवार्ड मिले । आपकी दो कविताओं को “Sound of Poetry” कविता की एलबम में शामिल किया गया। स्वयं की हिन्दी कविताओं पर दो संगीतबद्ध एलबम निकले। दो पुस्तकें – “मदिरा ढलने पर” और “Agony churns my heart” । मेलबर्न पोयेट्स एसोसियेशन द्वारा द्विभाषी काव्यसंग्रह “Hidden Treasure” में तथा गेलेक्सी पब्लिकेशन द्वारा “Boundaries of the Heart” में कविता प्रकाशित। आपने ऑस्ट्रेलिया के साहित्यिक सम्मेलनों में कविता-पाठ किया। टी वी (चेनल-31) व आस्ट्रेलिया के रेडियो कार्यक्रम पर कवितायें प्रसारित। जन्म: 7 अक्टूम्बर 1946 बांसवाड़ा, राजस्थान। भाषा : हिन्दी, अँगरेज़ी। ई-मेल : hariharjha2007@gmail.com
आर्ट- विशाल भुवानिया |
माँ सी मौसी आगबबूला
जाने कब से,
अंगारों में लड़खड़ा गई
आवारा बच्चे ना माने
पकड़ें गरदन
करें शरारत
उसको काटें
लहू भरे गालों पर चाटें
बही वेदना की सुरंग से
बारूद भरी
गोली निकली तड़तड़ा गई
ताप जगाती घुसी देह में
चुभती किरणें
छुये जिगर को,
लहू भरे गालों पर चाटें
बही वेदना की सुरंग से
बारूद भरी
गोली निकली तड़तड़ा गई
ताप जगाती घुसी देह में
चुभती किरणें
छुये जिगर को,
चमड़ी जलती
हाय निगोड़ी, बैरन छलती
चिमनी आई, झाड़-फूँक को,
कर्कश इतनी
शोर में सृष्टि भड़भड़ा गई
लाल चेहरा
क्रोध लुढ़कते पत्थर का सा
देख देख कर
हाय निगोड़ी, बैरन छलती
चिमनी आई, झाड़-फूँक को,
कर्कश इतनी
शोर में सृष्टि भड़भड़ा गई
लाल चेहरा
क्रोध लुढ़कते पत्थर का सा
देख देख कर
बिटिया रोती
मौसी पागल-पागल होती
समझ न आई
महाकूप से निकली ज्वाला
झुलसी बुढ़िया बड़बड़ा गई।
2. मुठ्ठी भर उष्मा पाने
धुंध खटखटाती है सांकल
मुठ्ठी भर उष्मा पाने
लिये चोंच में पंछी तिनका
भूख मिटा ना पाये
हवा बहे तो बिछुआ काटे
ताप कहाँ से लाये
बर्फ सनी किरणें भी देती
अट्टहास में गाली
हुई प्रतिज्ञा ले आऊँगा
सूरज भर कर थाली
पंख फड़फड़ाये हैं तब से
कड़छी भरी अगन लाने
चुहिया बैठी
तार कुतरने
गीत बह निकल आया
चीं-चीं कुछ आवाज हुई या
अनहत नाद सुनाया
ओले पड़े, ढोल की थपथप
नभमण्डल बतियाये
डाली झूमी, कलि मुस्काये
या संगीत सुनाये
फूल झनझनाये सितार पर
भूले बिसरे सुर गाने
पास घोसला,
जीर्ण-शीर्ण छत
टपका पानी रोये
भूखी थाली, बेसुध तन-मन
पेट दबा कर सोये
आँसू बसते हैं कुटिया में
ओंस भले शरमाये
धुँआ चूल्हे से उठ न पाये
कोहरा मुँह चिढ़ाये
मौसी पागल-पागल होती
समझ न आई
महाकूप से निकली ज्वाला
झुलसी बुढ़िया बड़बड़ा गई।
2. मुठ्ठी भर उष्मा पाने
धुंध खटखटाती है सांकल
मुठ्ठी भर उष्मा पाने
लिये चोंच में पंछी तिनका
भूख मिटा ना पाये
हवा बहे तो बिछुआ काटे
ताप कहाँ से लाये
बर्फ सनी किरणें भी देती
अट्टहास में गाली
हुई प्रतिज्ञा ले आऊँगा
सूरज भर कर थाली
पंख फड़फड़ाये हैं तब से
कड़छी भरी अगन लाने
चुहिया बैठी
तार कुतरने
गीत बह निकल आया
चीं-चीं कुछ आवाज हुई या
अनहत नाद सुनाया
ओले पड़े, ढोल की थपथप
नभमण्डल बतियाये
डाली झूमी, कलि मुस्काये
या संगीत सुनाये
फूल झनझनाये सितार पर
भूले बिसरे सुर गाने
पास घोसला,
जीर्ण-शीर्ण छत
टपका पानी रोये
भूखी थाली, बेसुध तन-मन
पेट दबा कर सोये
आँसू बसते हैं कुटिया में
ओंस भले शरमाये
धुँआ चूल्हे से उठ न पाये
कोहरा मुँह चिढ़ाये
स्वाद लपलपा गये जीभ पर
चुटकी भर दलिया खाने
3. बदरी डोल रही
पुलकित होकर
बदरी डोल रही
चुटकी भर दलिया खाने
3. बदरी डोल रही
पुलकित होकर
बदरी डोल रही
उमंग में बहकी बहकी
झील में मल मल अंग
कल्पना गुनगुनाए
फुदक फुदक कर
कोई तितली मन बहलाये
हवा निगोड़ी
मीठी अगन लगाए
झील में मल मल अंग
कल्पना गुनगुनाए
फुदक फुदक कर
कोई तितली मन बहलाये
हवा निगोड़ी
मीठी अगन लगाए
दिल में दहकी दहकी
थाह मनचले दिल की
लेकर रति शरमाती
पारिजात की
मीठी गंध लिये भरमाती
झूम रही है
भीने अमलतास की
थाह मनचले दिल की
लेकर रति शरमाती
पारिजात की
मीठी गंध लिये भरमाती
झूम रही है
भीने अमलतास की
डाली महकी महकी
ज्वार समेटे मन के
दरपन की टक्कर में
दुनिया उलझी
राशन पानी के चक्कर में
जग है झूठा
भावों की आतुरता
ज्वार समेटे मन के
दरपन की टक्कर में
दुनिया उलझी
राशन पानी के चक्कर में
जग है झूठा
भावों की आतुरता
कितनी चहकी चहकी
Three Hindi Poems of Harihar Jha
सभी रचनाऎं बेहतरीन हें !
जवाब देंहटाएंprabhavshali rachnayen
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गीत
जवाब देंहटाएंबधाई