हिन्दी और मैथिली के वरिष्ठ कवि डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र को हिन्दी दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में उ.प्र. के मुख्य मंत्री श्री अखिलेश यादव ने `साहित्य भूषण ' पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस उपलक्ष्य में शाल, ताम्रपत्र और दो लाख रु . की धनराशि अर्पित की गयी। इस अवसर पर गोपाल दास `नीरज' को भारत भारती , सोम ठाकुर को हिन्दी गौरव, अशोक चक्रधर को विद्या भूषण तथा देश के विभिन्न भागों से आये साहित्यकारों को 60 से अधिक सम्मान दिये गये।
प्रारंभ में उ.प्र. हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि दुनिया की सभी भाषाओँ में कविता का उद्भव पहले हुआ, गद्य का विकास बाद में। सदियों से समाज को सौमनस्य की दिशा कविता ही देती रही है।
मुख्य अतिथि श्री मुलायम सिंह ने कहा कि समाज में पारस्परिक विश्वास घटने से ही दंगे होते हैं। साहित्य आपसी विश्वास बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मिली-जुली सरकार बनने लगी, तबसे दक्षिण भारत में भी हिन्दी का राजनीतिक विरोध समाप्त हो गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगले वर्ष से कुछ पुरस्कारों की राशि बढाने और व्यंग्य विधा तथा विधि साहित्य के लिए दो-दो लाख के नए पुरस्कारों की घोषणा की।
सभी अभ्यागत साहित्यकारों के सम्मान में मुख्य मंत्री निवास पर रात्रिभोज दिया गया, जिसमें तमाम कलमकार, अधिकारी और राजनेता उपस्थित थे। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य मंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी ने देहरादून के साहित्यकार डॉ. मिश्र को विशेष बधाई दी।
priy abnish bhai, apki kitab `buddhinath mishra ki rachna-dharmita' ko antar-rashtriya vishvavidyalay,wardha ne adhar grantha banaa kar research karaane ki yojna banayi hai. apko bahut- bahut badhai.
जवाब देंहटाएंbuddhinath mishra/kolkata/24 sept 2013
Param adarneey Guruji, abhar aapka. sadar pranam
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई आदरणीय अबनीश जी.
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