पूर्वाभास (www.poorvabhas.in) पर आपका हार्दिक स्वागत है। 11 अक्टूबर 2010 को वरद चतुर्थी/ ललित पंचमी की पावन तिथि पर साहित्य, कला एवं संस्कृति की पत्रिका— पूर्वाभास की यात्रा इंटरनेट पर प्रारम्भ हुई थी। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। इस हेतु सुधी पाठकों और साथी रचनाकारों का ह्रदय से आभार।

सोमवार, 18 अगस्त 2014

मंतव्य का प्रवेशांक - एक अद्भुत दस्तावेज


मंतव्य का महत्वपूर्ण प्रवेशांक आया है जिसके संपादक हैं हमारे चहेते युवा रचनाकार, पत्रकार श्री हरेप्रकाश उपाध्याय। पत्रिका की टैगलाइन 'जनतांत्रिक रचनाशीलता की समग्र प्रस्तुति' से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह पत्रिका जन-मन के समग्रभाव को केंद्र में रखकर प्रस्तुत की गयी है। कथा, कविता, मर्म मीमांसा, खास किताब, मील का पत्थर, भूली-बिसरी, रंग-भूमि, जीवन की राहों में आदि खंड अपनी नवीनता, सहजता, गंभीरता और समसामयिकता की बानगी प्रस्तुत करते हैं। पत्रिका का कलेवर आकर्षक एवं सम्पादन बेजोड़ है। श्रद्धेय स्व दिनेश सिंह जी, ज्ञानरंजन जी और अखिलेश जी के सम्पादकत्व में निकलने वाली पत्रिकाओं की याद दिलाते इस प्रवेशांक में ऐसा बहुत कुछ है जिसे पढ़ा और गुना जा सके। इस पत्रिका का प्रकाशन निरंतर चलता रहे इसी शुभकामना के साथ संपादक जी को हार्दिक बधाई। 

पत्रिका : मंतव्य 
संपादक : हरे प्रकाश उपाध्याय 
पृष्ठ : 236
मूल्य : 100/- 
संपर्क : ए 935 / 4, इंदिरा नगर, लखनऊ - 16 
ई-मेल : mantavyapatrika@gmail.com

Mantavya Patrika, Editor : Hareprakash Upadhyay

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