भोपाल : देश की प्रतिष्ठित हिंदी सेवी संस्था "साहित्य मंडल नाथद्वारा" के तत्वावधान में 14-15 सितंबर को 'हिन्दी लाओ देश बचाओ' कार्यक्रम में 'साहित्य समीर दस्तक' मासिका पत्रिका के माध्यम से हिंदी को बढ़ावा देने के लिए श्रीमती कीर्ति श्रीवास्तव को सम्पादक रत्न की मानद उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया । वरिृष्ठ साहित्यकार डॉ रामअवतार शर्मा, राव मुकुल मानसिंह, श्री जगदीष शर्मा, डॉ उमाशंकर मिश्र, डॉ मुरलीधर वैृष्णव ने कीर्ति श्रीवास्तव को भगवान श्रीनाथजी की स्वर्णिम छवि सम्मान पत्र, शाल एवं उत्तरीय प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संयोजन श्री
श्यामप्रकाश देवपुरा ने किया संचालन श्री विठ्ठल जी ने किया । चार सत्रों
में हुए दो दिवसीय आयोजन में हिंदी के लिए कार्य करने वाले देश भर से आए
हिंदी सेवको को सम्मानित किया गया एवं कवि सम्मेलन व शोध संगोष्ठी का
आयोजन भी हुआ ।
कीर्ति श्रीवास्तव जी का संक्षिप्त परिचय
चर्चित युवा साहित्यकार एवं वरिष्ठ उप-सम्पादक
(दैनिक भास्कर, औरंगाबाद) समीर श्रीवास्तव जी के बारे में हम सभी जानते हैं
लेकिन उनको ऊर्जा प्रदान करने वालीं उनकी सहधर्मिणी युवा कवयित्री कीर्ति
श्रीवास्तव जी से हमारा परिचय उतना नहीं है। इसका कारण यह रहा कि वे लेखन
से तो काफी समय से जुडी हुईं हैं, लेकिन उनकी रचनाओं का आस्वादन करने का
अवसर हमें कुछ समय पहले ही फेसबुक पर मिल सका। तभी से उनकी
रचनाओं के बारे
में मेरी धारणा बनी कि वे सामाजिक जीवन की विविध समस्याओं को व्यंजित करती
हैं। और जब पता चला कि कीर्ति जी (लगभग एक वर्ष पहले) साहित्य समीर दस्तक
का संपादन करने जा रही हैं, तब सुखद आश्चर्य हुआ। वर्त्तमान में आपके
संपादन में पत्रिका ने रफ़्तार पकड़ ली है। यद्यपि संपादन का मार्ग
बहुत कठिन है, पर आपका हौसला बुलंद है। कीर्ति जी का जन्म 06 जुलाई 1974 को
भोपाल, म.प्र. में हुआ। आपके पिताजी परम श्रद्धेय मयंक श्रीवास्तव जी
हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य विद्वान् हैं। आपकी शिक्षा: एम.कॉम., भोपाल
विश्व्वविद्यालय, भोपाल से हुई। संपर्क: 'राम भवन', 444-9ए, साकेत नगर,
भोपाल- 462024 (म.प्र.), मो.- 07415999621, 09826837335। ईमेल:
gunjanshrivastava18@gmail.com।
bahut bahut shukriya
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