भोपाल : डाॅं साधना बलवटे की सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘शरद जोशी : व्यंग्य के आर-पार' के लोकापर्ण के लिए अ.भा.साहित्य परिषद की भोपाल शाखा द्वारा भारतमाता चैराहा स्थित छात्रशक्ति भवन के सभागार में अ.भा.साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर जी की अध्यक्षता एवं धर्मपाल शोध सृजन पीठ भोपाल के निदेशक प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज जी के मुख्य आतिथ्य में गरिमापूर्ण समारोह आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के आरंभ में उज्जैन से पधारे दिनेश परिहार जी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रसिद्ध गीतकार दिनेश प्रभात कर रहे थे। प्रख्यात ललित निबंधकार डाॅ श्रीराम परिहार जी तथा साहित्यकार श्यामबिहारी सक्सेना जी ने पुस्तक पर समीक्षा आलेख पढे़। स्वागत वक्तव्य राजेन्द्र शर्मा अक्षर ने दिया तथा लेखिका का परिचय धर्मेन्द्र सिहं सोलंकी ने बड़े ही रोचक ढंग से दिया।
डाॅ श्रीराम परिहार ने सारगर्भित टिप्पणी देते हुए कहा कि साधना ने शरद जोशी के जीवन में डूब कर शोध कार्य किया है और उसमें से वह प्रस्तुत किया है, जिसकी साहित्य जगत ही नहीं सभी को आवश्यकता हैं। साधना ने शरद के व्यक्तित्व और कृतित्व को समग्र रूप् में प्रस्तुत कर महत्वपूर्ण कार्य किया है। रामेश्वर मिश्र पंकज ने कहा कि साधना ने कटु प्रसंगों को भी सम्मानजनक और सुसंस्कृत भाषा में व्यक्त किया है। श्यामबिहारी सक्सेना ने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद मैं शरद जोशी को अच्छे से समझ पाया हॅूं और यह कह सकता हॅूं कि इसको पढ़ने के बाद सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी शरद जोशी को आसानी से समझ सकता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीधर पराडकर ने अपने प्रेरणास्पद सम्बोधन में कहा कि लेखिका को मुॅंह पर की गई प्रशंसा के खतरों से सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि आजकल विद्यार्थी उन्हीं विषयों पर काम करना चाहते हैं जिनपर पूर्व में बहुत काम हो चुका है। साधना ने एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व पर कार्य करने का साहस दिखाया है।
वरिष्ठ साहित्यकार डाॅं देवेन्द्र दीपक सहित कार्यक्रम में भोपाल का साहित्य जगत बड़ी संख्या में उपस्थित था। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कई पदाधिकारी भोपाल के बाहर से भी कार्यक्रम में शामिल होने आये थें। उज्जैन से मालवा प्रान्ताध्यक्ष जीवन आर्य, दिनेश परिहार एवं आष्टा से जयनारायण राठौर, तथा सीहोर से ओमप्रकाश तिवारी, तथा कमलेश जी उपस्थित थे। वन्दे मातरम के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के आरंभ में उज्जैन से पधारे दिनेश परिहार जी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रसिद्ध गीतकार दिनेश प्रभात कर रहे थे। प्रख्यात ललित निबंधकार डाॅ श्रीराम परिहार जी तथा साहित्यकार श्यामबिहारी सक्सेना जी ने पुस्तक पर समीक्षा आलेख पढे़। स्वागत वक्तव्य राजेन्द्र शर्मा अक्षर ने दिया तथा लेखिका का परिचय धर्मेन्द्र सिहं सोलंकी ने बड़े ही रोचक ढंग से दिया।
डाॅ श्रीराम परिहार ने सारगर्भित टिप्पणी देते हुए कहा कि साधना ने शरद जोशी के जीवन में डूब कर शोध कार्य किया है और उसमें से वह प्रस्तुत किया है, जिसकी साहित्य जगत ही नहीं सभी को आवश्यकता हैं। साधना ने शरद के व्यक्तित्व और कृतित्व को समग्र रूप् में प्रस्तुत कर महत्वपूर्ण कार्य किया है। रामेश्वर मिश्र पंकज ने कहा कि साधना ने कटु प्रसंगों को भी सम्मानजनक और सुसंस्कृत भाषा में व्यक्त किया है। श्यामबिहारी सक्सेना ने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद मैं शरद जोशी को अच्छे से समझ पाया हॅूं और यह कह सकता हॅूं कि इसको पढ़ने के बाद सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी शरद जोशी को आसानी से समझ सकता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीधर पराडकर ने अपने प्रेरणास्पद सम्बोधन में कहा कि लेखिका को मुॅंह पर की गई प्रशंसा के खतरों से सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि आजकल विद्यार्थी उन्हीं विषयों पर काम करना चाहते हैं जिनपर पूर्व में बहुत काम हो चुका है। साधना ने एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व पर कार्य करने का साहस दिखाया है।
वरिष्ठ साहित्यकार डाॅं देवेन्द्र दीपक सहित कार्यक्रम में भोपाल का साहित्य जगत बड़ी संख्या में उपस्थित था। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कई पदाधिकारी भोपाल के बाहर से भी कार्यक्रम में शामिल होने आये थें। उज्जैन से मालवा प्रान्ताध्यक्ष जीवन आर्य, दिनेश परिहार एवं आष्टा से जयनारायण राठौर, तथा सीहोर से ओमप्रकाश तिवारी, तथा कमलेश जी उपस्थित थे। वन्दे मातरम के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
Dr Sadhna Balwate: Sharad Joshi: Vyangya KE Aar-Paar
karykram vakai bhavy evm garima purn tha mai iska sakshee hun
जवाब देंहटाएंडाॅं साधना बलवटे जी को बहुत-बहुत हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanywad
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai
जवाब देंहटाएंdr. sadhna ko bahut bahut badhai
जवाब देंहटाएंDR. SADHNA JI KO HARDIC BADHAYI .
जवाब देंहटाएंMAHODYA MUJHE AAPKI IS PUSTAK KA ADHYAN KARNA HA KYA MUJHE ESKI PRATI PRAPT HO SAKTI H .KRAPYA AAP MUJHE ESKE BARE ME MERI Email ID-krishan20jangir@gmail.com par ya mere ADDERESS-KRISHAN KUMAR JANGIR (LECTURER HINDI)VILLAGE-TIWARIKABAS POST-DHANIGUMANSINGH DIST-SIKAR (RAJ.)332709 MOB-9461699967 BATANE KA SHRAM KARE.
DHANYWAD.