बिलासपुर: बिलासपुर (छत्तीसगढ़) की त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका ‘पाठ’
द्वारा अपने संस्थापक (लब्ध प्रतिष्ठित इतिहासकार, साहित्यकार) स्व.
प्यारेलाल गुप्त की याद में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला ‘पाठ सम्मान - 2015’
गत 23 अगस्त 2015 को वरिष्ठ ग़ज़लकार राम मेश्राम (भोपाल) को बिलासपुर में
दिया गया । नगर के इमलीपारा क्षेत्र स्थित केशरवानी वैश्य सभागार में
आयोजित सम्मान समारोह में जनसंपर्क कार्यालय के वरिष्ठ छाया चित्रकार
त्रिजुगी कौशिक को उनके कलात्मक नयनाभिराम छायांकन के लिए है और पत्रकार
श्रीमती मधु शर्मा को उनकी अनुभूतिपूरक पत्रकारिता के लिए भी पाठ
सम्मान-2015 दिया गया।
पाठ की सहायक संपादक डाॅ. निशा भोंसले ने प्रशस्ति वाचन में कहा कि ‘‘राम मेश्राम की ग़ज़लों में मानवीय करूणा की गहरी संवेदनशीलता और जिन्दगी की पुकार है, इसीलिए नक्सलियों द्वारा अकाल मौत मारे गए बेगुनाह लोगों के पक्ष में राम मेश्राम की ग़ज़लें अटल चट्टान जैसी खड़ी दिखाई पड़ती हैं।"
‘पाठ’ पत्रिका के सम्पादक देवांशु पाल, प्रबंध सम्पादक विजय कुमार गुप्त और सहायक सम्पादक अनिल शेवालकर ने शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, पुष्पमाला से राम मेश्राम को 'पाठ सम्मान - 2015' से विभूषित किया। इस अवसर पर अपनी आधुनिक भावबोध और विचार परक शैली वाली ग़ज़लें सुनाकर राम मेश्राम ने बिलासपुर के श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया ।
पाठ की सहायक संपादक डाॅ. निशा भोंसले ने प्रशस्ति वाचन में कहा कि ‘‘राम मेश्राम की ग़ज़लों में मानवीय करूणा की गहरी संवेदनशीलता और जिन्दगी की पुकार है, इसीलिए नक्सलियों द्वारा अकाल मौत मारे गए बेगुनाह लोगों के पक्ष में राम मेश्राम की ग़ज़लें अटल चट्टान जैसी खड़ी दिखाई पड़ती हैं।"
‘पाठ’ पत्रिका के सम्पादक देवांशु पाल, प्रबंध सम्पादक विजय कुमार गुप्त और सहायक सम्पादक अनिल शेवालकर ने शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, पुष्पमाला से राम मेश्राम को 'पाठ सम्मान - 2015' से विभूषित किया। इस अवसर पर अपनी आधुनिक भावबोध और विचार परक शैली वाली ग़ज़लें सुनाकर राम मेश्राम ने बिलासपुर के श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया ।
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