विनोद कुमार दवे |
पेशे से अध्यापक युवा रचनाकार विनोद कुमार दवे की रचनाएँ राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, अहा! जिंदगी, कादम्बिनी, बाल भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। संपर्क: 206, बड़ी ब्रह्मपुरी, मुकाम पोस्ट- भाटून्द, तहसील- बाली, जिला- पाली, राजस्थान-306707, मोबाइल: 9166280718, ईमेल: davevinod14@gmail.com.
गूगल से साभार |
अँधेरी राह
बहन दीपिका है
प्रेम की बाती
2.
प्यार बांटती
चिड़िया-सी बहन
घर चहके
3.
सीप-सी आँखें
अश्क मोती है प्रिय
मत बहाना
4.
सहोदरा हो
न हो सगी बहन
रक्षक बनो
5.
घर की शोभा
बेटी और तुलसी
ना मुरझाना
6.
स्त्री की अस्मिता
भाई-दूज या राखी
रिश्ता निभाना
7.
दीपक तले
अंधेरे का विनाश
कोई तो करे
8.
श्रम का है घी
आशा की दीपशिखा
कर्म रोशनी
9.
विनाश आया
मन-मस्तिष्क पर
रावण छाया
10.
स्वामी भक्ति का
माँ सीता रूप बनी
नारी शक्ति का
11.
रीत मिथ्या है
पति परमेश्वर
तो पत्नी क्या है
12.
सीता है मौन
अपनों के भेष में
रावण कौन
13.
ओ नववर्ष
खुशियों का बादल
बन बरसो
14.
भीनी महक
रातरानी फूल-सा
हमारा इश्क़
15.
जागती रातें
सितारों के गाँव में
उदासी बांटे
16.
मत चिल्लाओ
सरकार कहे है
चुप हो जाओ
17.
कंपाती ठंड
ठिठुरते गरीब
समां अजीब
18.
प्रकृति माँ है
पोषक जगत की
माँ प्रकृति है
19.
पलाश पुष्प
जंगल की ज्वाला है
वन की शोभा
20.
धुंध औ धुआँ
वन काट कहते
ये कैसे हुआ
21.
ये राजनीति
बिना नीति का राज
कैसी है रीति
22.
ताज कुचलो
सिंहासन तोड़ दो
कोई क्रांति हो
23.
बालक प्यारा
बूढ़े माता-पिता का
बने सहारा
24.
साहसी बेटी
अँधेरे में रोशनी
पिता की लाठी
25.
लड़ता जाता
तूफानों में भी दीया
टिमटिमाता
26.
नवीन वर्ष
वक़्त के गुलशन
खूब महको
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 10.9.2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2522 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
धन्यवाद दिलबागजी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रश्मि जी
जवाब देंहटाएंसुंदर सराहनीय
जवाब देंहटाएं