सुनील गज्जाणी |
बीकानेर: सहित्य, संस्कृति और कलां की जानी-मानी पत्रिका 'कथा देश' द्वारा आयोजित अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता में सुनील गज्जाणी की लघुकथा 'इच्छा' को सैकड़ो प्राप्त लघुकथाओं में से छठे स्थान के लिए चयनित किया गया। सुनील गज्जाणी की यह उपलब्धि बीकानेर सहित्य समाज के लिए गौरवपूर्ण है।
सुनील गज्जाणी की यह लघुकथा आज के तकनीकी युग के ज्वलंत विषय 'मोबाईल का प्रयोग' पर है। आजका आदमी मोबाईल में इतना खोया रहता है कि पास बैठी पत्नी गुमसुम-सी उसे देखती रहती है और पति मुस्कुराता हुआ चैटिंग करता रहता है। अतः कथा में पत्नी के मनोयोग को दर्शाया गया है।
प्रतियोगिता के निर्णायक राज कुमार गौतम, सुकेश साहनी तथा हहारीनारायण थे। गौरतलब है कि इस लघुकथा का पंजाबी में भी अनुवाद हुआ है। कवि ,नाटककार गज्जाणी इससे पूर्व भी अखिल भारतीय काव्य तथा लघुकथा प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हो चुके हैं।
प्रतियोगिता के निर्णायक राज कुमार गौतम, सुकेश साहनी तथा हहारीनारायण थे। गौरतलब है कि इस लघुकथा का पंजाबी में भी अनुवाद हुआ है। कवि ,नाटककार गज्जाणी इससे पूर्व भी अखिल भारतीय काव्य तथा लघुकथा प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हो चुके हैं।
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