पूर्वाभास (www.poorvabhas.in) पर आपका हार्दिक स्वागत है। 11 अक्टूबर 2010 को वरद चतुर्थी/ ललित पंचमी की पावन तिथि पर साहित्य, कला एवं संस्कृति की पत्रिका— पूर्वाभास की यात्रा इंटरनेट पर प्रारम्भ हुई थी। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। इस हेतु सुधी पाठकों और साथी रचनाकारों का ह्रदय से आभार।

बुधवार, 7 अगस्त 2024

काव्य संकलन : कालजयी प्रेमगीत — हरीलाल मिलन (सं)


"जाने-माने वरिष्ठ साहित्यकार हरीलाल मिलन के साहित्यिक अवदान से साहित्य-जगत भलीभाँति परिचित है। हाल ही में इनके द्वारा सम्पादित एक महत्वपूर्ण संकलन-- "कालजयी प्रेमगीत" का प्रकाशन ज्ञानोदय प्रकाशन, कानपुर द्वारा किया गया, जिसमें 30 कवियों (गोपालदास 'नीरज', रमानाथ अवस्थी, रामस्वरूप सिन्दूर, सोम ठाकुर, कपिल कुमार, अवध बिहारी श्रीवास्तव, बी.एल. गौड़, चन्द्रसेन विराट, नरेंद्र दीपक, किशन सरोज, राधेश्याम बंधु, मधुसूदन साहा, शिवभजन कमलेश, कुँवर बेचैन, वीरेंद्र आस्तिक, मधु प्रधान, विजय किशोर मानव, अंसार कंबरी, सतीश गुप्ता, दयाराम मौर्य रत्न, बृजनाथ श्रीवास्तव, हरीलाल मिलन, सतीश आर्य, विष्णु सक्सेना, संजय पंकज, मधु शुक्ला, अशोक अंजुम, भावना तिवारी, अनामिका सिंह, अवनीश सिंह चौहान) के चर्चित प्रेमगीतों को संकलित किया गया है। प्रेम की गीतात्मक अभिव्यक्तियों के व्यापक स्पेक्ट्रम को प्रदर्शित करते इस संकलन में स्थापित और उभरते रचनाकारों को एक साथ प्रस्तुत करने के लिए सम्पादक जी को हार्दिक बधाई एवं इसकी विस्तृत व सारगर्भित भूमिका लिखने के लिए डॉ रेशमी पांडा मुखर्जी जी को साधुवाद।"
अवनीश सिंह चौहान

प्रतिक्रियाएँ :

"हरीलाल 'मिलन' जी की यह कृति (कालजयी प्रेमगीत) सचमुच एक कालजयी कृति है। उनके लेखन से तो मैं पहले से प्रभावित था,अब तो उनके संपादन से भी अभिभूत हो गया हूँ। हार्दिक बधाई एवं अनन्य शुभकामनाएँ।" 
— मधुसूदन साहा 

गीत  प्रेम के और प्रेम पर बातचीत  के गीत, की  कालजयी किताब के लिए मिलन जी को बधाई  ही बधाई।
  वीरेन्द्र आस्तिक

"नवता के नाम पर आते हुए ऊटपटाँग गीतों के बीच सचमुच मन, प्राण, हृदय और आत्मा को आह्लादित करने वाला गीतों का यह संकलन बरसों बाद आया है। रेगिस्तान होते हुए समय में यह तो मधुबन की ताजगी है। कविवर हरीलाल मिलन जी को हार्दिक साधुवाद।" 
— संजय पंकज 

कृति : 'कालजयी प्रेमगीत 
सम्पादक : हरीलाल 'मिलन'
प्रकाशक: ज्ञानोदय प्रकाशन, 101, गाँधीग्राम, 
जी.टी. रोड, कानपुर-07, मो. 9415129773
प्रकाशन वर्ष : 2024
पृष्ठ : 284
मूल्य : रु 700/- 
ISBN: 978-93-90716-74-6


प्रस्तुति :
ओम चौहान सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार में बीएएलएलबी  पाठ्यक्रम के छात्र हैं। 

Kaaljayee Premgeet (Hindi love poems), edited by Harilal Milan

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी प्रतिक्रियाएँ हमारा संबल: